सिंघानिया हवेली के अंदर हाल के बीचों-बीच मंडप सजा हुआ था ,वहीं आसपास बहुत सारे लोग बैठे हुए थे और वही एक लड़की की अर्थी रखी हुई थी जो कोई और नहीं मनन की बहन थी उसकी अभी तक अर्थी वहां से नहीं उठी थी वही उसके आसपास बहुत सारी औरतें बैठी हुई थी जो रो रही थी उनकी रोने की दहाड़ने की आवाज पूरी हवेली में गूंज रही थी।
बाहर से कदमों के आवाजें अंदर की तरफ आने लगती है, कदमों की आवाज सुनकर, सबकी नजर बाहर से आते हुए मनन पर पड़ती है जिसकी बाहों में इस वक्त खुशहाली थी ,खुशहाली बिल्कुल खामोश उसके बाहों में थी वो कुछ भी नहीं बोल रही थी, वही उसके पीछे धर्मराज सिंघानिया और अश्विन आ रहे थे , अश्विन जी का सर अभी भी नीचे झुका हुआ था वो बस अपना सर नीचे झुकाए आगे की तरफ बढ़ रहे थे।
धर्मराज जी तेज आवाज में बोलते हैं ,,अब आप सब लोग ये रोना-धोना बंद करें आज यहां हमारे बेटे मनन की शादी है उस बलात्कारी की बहन के साथ।
धर्मराज जी की बात सुनकर वहां बैठे खड़े सारे लोग शौक हो जाते हैं तभी एक औरत आगे आते हुए अपनी आंखों में आए आंसुओं को अपने हाथ से पोंछते हुए बोलती है,, हम उस बलात्कारी की बहन को कभी भी अपने घर की बहू नहीं मानेंगे हमें उस बलात्कारी का सर चाहिए उसकी मौत चाहिए ना कि उसकी बहन हमारे घर की बहू।
उसकी वजह से हमारी बेटी की मौत हुई है उसने हमारी बेटी को मार डाला उसकी वजह से हमारी बेटी अपनी शादी वाले दिन हम सब कुछ छोड़ कर चली गई, हमें उसे बलात्कारी की लाश चाहिए फिर मनन को देखते हुए बोलती है,, मनन आप इस लड़की से शादी बिल्कुल नहीं करेंगे, आप अपनी बहन के कातिल की बहन से शादी बिल्कुल भी नहीं करेंगे।
मनन धीरे से बोलता है ,, मां सा हुकुम सा का आदेश है और हमें हुकुम सा का आदेश मानना पड़ेगा।
वो औरत जो की मनन की सौतेली मां थी, लेकिन उन्होंने मनन को अपने सगे बेटे से भी ज्यादा प्यार दिया था, जिनका नाम अवंतिका था वो गुस्से में बोलती हैं,, हम नहीं मानेंगे इस शादी को, हम नहीं मानेंगे इस लड़की को अपने घर की बहू, ये लड़की कभी भी हमारे घर के बहू नहीं बन सकती ये सिर्फ और सिर्फ उस बलात्कारी की बहन है उसके अलावा कुछ भी नहीं हमारे घर की बहू बनने के लायक बिल्कुल भी नहीं है ये।
खुशहाली जो बहुत देर से उनकी सारी बातें सुन रही थी , वो एक नजर मनन को देखती हैं और फिर अवंतिका जी को देखते हुए चीखते हुए बोलती है,, नहीं है हमारे भाई बलात्कारी उन्होंने कुछ भी नहीं किया है उन्होंने नहीं मारा है दीदी सा को, वो दीदी सा की मौत की जिम्मेदार नहीं है, दीदी सा की मौत के असली जिम्मेदार आप सब लोग हैं, आज जो कुछ भी उनके साथ हुआ उसके जिम्मेदार आप सब लोग है, वो रोते हुए उन सब को उंगली दिखाते हुए बोलती हैं।
आप लोगों की वजह से आज दीदी सा हम लोगों के बीच नहीं है सिर्फ आप लोगों की जिद की वजह से उन्होंने क्या मांगा था , हमें जहां तक पता है उन्होंने आप लोगों से आज तक कुछ भी नहीं मांगा, आप लोगों ने जो उन्हें दिया उन्होंने वो सब चीज खुशी-खुशी राजी राजी ले लिया उन्होंने सिर्फ यही चीज तो मांगी थी, वो हमारे भाई के साथ रहना चाहती थी प्यार करती थी उनसे लेकिन आप लोगों ने क्या करा उन्हें हमारे भाई से जुदा कर दिया और उनकी शादी एक ऐसे इंसान के साथ तय कर दी जिसे उन्होंने कभी देखा तक नहीं था।
सिर्फ क्यों अपनी इज्जत के लिए आप लोगों की इज्जत क्या आपकी बेटी की जिंदगी से ज्यादा प्यारी थी, जिस रिश्ते में प्यार नहीं होता क्या वो रिश्ता कभी निभ पाया है, दीदी सा सिर्फ हमारे भाई से प्यार करती थी वो अपने दिल में किसी और का प्यार लेकर किसी और के साथ कैसे जिंदगी बिता सकती थी , ये तो नाइंसाफी होती ना दीदी सा और उस इंसान दोनों के साथ, दीदी सा ने सिर्फ और सिर्फ आप लोगों की इज्जत आप लोगों की खुशी की खातिर उन्होंने अपनी खुशियों का गला घोट दिया , घोट दिया अपनी खुशियों को छोड़ दिया हमारे भाई को हमारे भाई की हालत ऐसी हो गई थी खैर हम उसके बारे में तो आप लोगों को नहीं बताएंगे।
लेकिन क्योंकि हम आप लोगों को अपने भाई की हालत के बारे में बताना जरूरी नहीं समझते लेकिन दीदी सा की हालत की जिम्मेदार आप सब लोग हैं हम मानते हैं जो हुआ दीदी सा के साथ गलत हुआ , जिसने किया गलत किया उसे जरूर सजा मिलेगी लेकिन ये सब हमारे भाई ने नहीं किया है और रही बात शादी की हम आपके बेटे से शादी करने के लिए मरे नहीं जा रहे हैं जबरदस्ती हमारी शादी कराई जा रही है आपके बेटे के साथ।
धर्मराज जी तेज आवाज में बोलते हैं,, खामोश हो जाइए सब लोग मुहूर्त का टाइम जा रहा है फिर मनन को देखते हुए बोलते हैं मनन चलिए आप मंडप में बैठिए।
मनन चुपचाप जाकर मंडप में बैठ जाता है और खुशहाली को अपनी गोद से उतार कर वही मंडप में बैठा देता है पंडित जी मंत्र पढ़ना शुरू करते हैं वो धीरे-धीरे मंत्र पढ़ते जा रहे थे और उनकी शादी आगे बढ़ती जा रही थी।
खुशहाली धीरे से बोलती है,, हर एक बढ़ते मंत्र के साथ मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद करूंगी तुम मेरी जिंदगी बर्बाद कर रहे हो लेकिन तुम गलत हो, मैं तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर दूंगी ये शादी सिर्फ और सिर्फ समझौता है , इस शादी में समझौते के अलावा कुछ भी नहीं होगा अगर तुमने इस समझौते के आगे बढ़ने की कोशिश करी तो सिर्फ मैं बोल नहीं रही हूं सच में बर्बाद कर दूंगी, हकीकत में बर्बाद कर सकती हूं तुम्हें।
मनन चुपचाप उसकी सारी बातें सुन रहा था , वो कुछ भी नहीं बोल रहा था , वो बस हल्का मुस्कुरा देता है जैसे वो जानता हो उसे क्या करना है, वो सब कुछ जानता था उसे क्या करना है,उसने दोबारा जन्म लिया था उसे पिछली हर एक चीज याद थी, उसने आज के दिन कैसे जबरदस्ती उसे घसीटते हुए खुशहाली से शादी करी थी, गुस्से में था वो उस दिन और उसने गुस्से में खुशहाली को ना कुछ बोला बस घसीटते हुए उसे मंडप में ले आया और उससे शादी कर ली।
तब भी खुशहाली की मर्जी नहीं थी तब भी उसके यही तेवर थे, वो गुस्से में बहुत कुछ बोल रही थी मनन को और रो भी रही थी उसने अपने भाई के लिए उस वक्त भी स्टैंड लिया था और आज भी स्टैंड लिया, मनन यही सब सोच रहा था ।
पंडित जी आगे मंत्र पढ़ते हुए बोलते हैं,, वर वधु फेरों के लिए खड़े हो जाए।
मनन खड़ा हो जाता है लेकिन खुशहाली खड़ी नहीं होती मनन उसका हाथ पकड़ कर उसे सीधा खड़ा कर देता है और फेरे लेने लगता हैं।
पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे और वो लोग उस हवन कुंड के चारों ओर फेरे ले रहे थे अचानक से फेरों के बीच में खुशहाली रुक जाती है मनन उसको ऐसे रुकता देखकर कंफ्यूजन में उसे देखने लगता है ।
खुशहाली को कुछ अजीब सा महसूस होता है, गीला गीला वो अपने लहंगे को कस के अपने मुट्ठियों में भर लेती हैं, वो खुद से बोलती है,, ये य…हां य…हां कै…से-कै…से आ सकते हैं, वो बहुत ज्यादा घबरा गई थी उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, वो पैनिक करने लगी थी उसे इस चीज के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, वो सिर्फ और सिर्फ 18 साल की ही थी और उसे ज्यादा कुछ नहीं पता था इस बारे में।
मनन उसको ऐसे रुकता देखकर कंफ्यूजन में उसे देखने लगता है, उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था पिछले जन्म में तो वो ऐसे शादी के मंडप के बीच में नहीं रुकी थी, वो रुकती कैसे , मनन ने उसे रुकने का मौका ही नहीं दिया था, वो तो घसीटते हुए जबरदस्ती पूरी की पूरी उससे शादी कर रहा था।
मनन अपनी आंखें बंद करके कुछ सोचने लगता है, वो अपने पिछले जन्म की यादों को ताजा कर रहा था उसके दिमाग में कुछ आता है वो जब पिछले जन्म में जबरदस्ती खुशहाली के साथ लव मेकिंग कर रहा था तब उसे कुछ स्टेंस दिखते हैं बेड पर, सिर्फ वो स्टेंस नहीं थे वो ब्लड था, खुशहाली को ब्लीडिंग हो रही थी वो भी बहुत ज्यादा इसका मतलब उसे उस वक्त पीरियड्स आए हुए थे और वो एकदम से अपनी आंखें खोल लेता है।
वह खुद से बोलता है,, ओह तो हमारी ट्यूलिप को पीरियड्स आए हुए हैं इसलिए वो यहां रुक गई है ,हमें पिछले जन्म में क्यों नहीं पता था? जब हम उनके साथ जबरदस्ती कर रहे थे, तब हमने उनकी बिल्डिंग देखी थी, तब हमें पता चला सोचते हुए वो अपने कदम खुशहाली की तरफ बढ़ा देता है और उसे एक झटके में फिर से अपनी बाहों में उठा लेता है और धीरे से उसकी कान के पास झुककर गहरी सांसें छोड़ते हुए बोलता है ,, आप चिंता मत करिए ये नॉर्मल है ,सब लोगों को होता है ये बीमारी नहीं है, ये नॉर्मल होता है हर लड़की को होता है ,आप परेशान मत होइए पैनिक मत कीजिए, शादी हो जाएगी हमारी।
खुशहाली उसे कुछ भी नहीं बोलती, वो हर चीज हर सिचुएशन आराम से हैंडल कर सकती थी, लेकिन पीरियड्स वो उसे हैंडल नहीं कर पाती थी, वो पैनिक करने लगती थी, जो वो अभी भी कर रही थी, लेकिन मनन को करीबी से वो पहले से काफी नॉर्मल हो गई थी।
वो अपने मन में सोचती है,, इन्हें इन्हें कैसे पता चला कि हमारे पीरियड्स आए हुए हैं क्या ये कोई अंतर्यामी है या फिर जादूगर है जो इन्हें पता चल गया पर कैसे पता चला हमने तो नहीं बताया हम तो सिर्फ रुके थे क्…या क्…या हमें इतना ज्यादा ब्लड लॉस हो रहा है कि हमारे पैरों से दिख रहा है जो इन्हें पता चल गया।
मनन जो खुशहाली को ऐसे ही बाहों में लिए फेरे ले रहा था, वो खुशहाली के चेहरे को देखता है जिसमें परेशानी, उसकी कश्मकश उसके चेहरे में साफ दिखाई दे रही थी, उसके अंदर चल रही उलझन सब समझ में आ रही थी, खुशहाली का चेहरा हर एक चीज बयां कर रहा था।
वो खुशहाली के चेहरे पर झुककर उसके कान पर एक बार फिर से गहरी सांसें छोड़ते हुए फुसफुसाते हुए बोलता है,, जादूगर ही समझ लीजिए हमें सब पता है और आपकी ब्लीडिंग इतनी ज्यादा नहीं हो रही है जो पैर से दिखेगी इस वक्त कुछ भी नहीं दिख रहा, बस हम जादूगर है ना इसलिए हमें सब कुछ पता है।
खुशहाली bas फाड़े मनन को देखने लगती है, उ…से उ…से कैसे पता था की खुशहाली क्या सोच रही है क्या उसने उसके अंदर माइक फिट कर दिया है, पर कब, पर कैसे जो उसे हर चीज सुनाई दे रह थी।
थोड़ी देर बाद उनके फेरे पूरे हो जाते हैं और वो लोग अपनी-अपनी जगह पर बैठ जाते हैं, पंडित जी मंत्र पढ़ते जा राह थे और धीरे-धीरे उनकी शादी संपन्न हो रही थी, वो मनन को देखते हुए बोलते हैं,, अब कन्या की मांग में सिंदूर भरिए और उन्हें मंगलसूत्र पहनाइए।
मनन सिंदूर उठाकर पूरी की पूरी डिब्बी खुशहाली के मांग में डाल देता है और अपने मन में बोलता है,, इस सिंदूर के साथ हम आप पर कभी भी कोई परेशानी नहीं आने देंगे हमेशा आपको खुश रखेंगे और इस घर वालों की हर एक जिल्लत से आपको बचाएंगे , वादा है ये हमारा, ये मनन सिंघानिया का वादा खुशहाली मनन सिंघानिया से है।
वो अब मंगलसूत्र उठाकर खुशहाली के गले में पहनने लगता है, वो मंगलसूत्र देखने में बहुत ही ज्यादा प्यारा और बहुत ही यूनिक था उसमें हार्ट शेप बना हुआ था जिसमें छोटे-छोटे डायमंड लगे हुए थे।
खुशहाली मनन को देखते हुए बोलती है,, ये मंगलसूत्र जरूर हमारे गले में जा रहा है लेकिन इसे हम आपके गले का फंदा बना देंगे, हर वक्त इस पल को कोसेंगे आप, आपने हमसे शादी करने के लिए हां क्यों बोली क्यों कि हमारी मर्जी के खिलाफ हमसे शादी?
क्या करेगी खुशहाली मनन के साथ? मनन कैसे बचाएगा खुशहाली को अपने घर वालों से?
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