एक लड़की सिंघानिया हवेली के अंदर भागते हुए आती है उसका चेहरा पसीने से पूरा लटपट था वह बहुत ज्यादा हाफ रही थी वह बहुत ज्यादा थक गए थे उसके बाल उसके चेहरे में आकर पसीने की वजह से चिपक गए थे वह लड़की सिंघानिया हवेली के पीछे की तरफ जाने लगती है जहां पर पंचायत बैठी हुई थी ,
तभी वहां पर उसे दो गार्ड्स रोक लेते हैं और उसे देखते हुए बोलते हैं,, आप अंदर नहीं जा सकती हैं ।
वह लड़कि उनसे विनती करते हुए बोलती है,, प्लीज प्लीज मुझे अंदर जाने दे बहुत जरूरी है मेरा अंदर जाना प्लीज मुझे अंदर जाने दे।
वह गार्ड बोलता है ,, हम आपको अंदर जाने नहीं दे सकते।
वह लड़की एक बार फिर बोलती है, अंदर पंचायत में जिसकी जिंदगी का फैसला हो रहा है वह लड़की मैं हूं मेरा अंदर जाना बहुत जरूरी है हटिये आप लोग यहां से।
तभी उन गार्ड में से एक गार्ड के फोन में नोटिफिकेशन की बीप बजती है वह अपना फोन निकाल कर देखता है जिसमें कुछ मैसेज लिखा हुआ था उसे मैसेज को देखकर वो अपना फोन दोबारा अपनी जेब में रख लेते हैं और उसे लड़की को अंदर जाने दे देता है।
उस लड़की को नहीं पता था कि उसे अंदर क्यों जाने दिया जा रहा है उसके इतनी रिक्वेस्ट करने के बाद भी उसे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था फिर अचानक ऐसा उस गार्ड के फोन में क्या मैसेज आया जो उसे तुरंत अंदर जाने दे दिया गया।
वह लड़की इन बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देती क्योंकि उसे अभी अंदर जाना था और अंदर जो फैसला चल रहा था उन फैसलों को रोकना था।
वही बाहर उस गार्ड से दूसरा गार्ड बोलता है,, हमें अंदर किसी को भी जाने देने की इजाजत नहीं है और तुमने उस लड़की को कैसे अंदर जाने दे दिया और किसका मैसेज आया था तुम्हारे पास।
वह गार्ड उसे कुछ भी नहीं बोलता वो बिल्कुल वैसे ही खड़ा रहता है जैसे वह कोई रोबोट हो और उसे कुछ भी नहीं सुनाई दे रहा हो उसे जो इंस्ट्रक्शंस मिले थे उसने वह इंस्ट्रक्शंस सारे पूरे कर दिया हो और अब उसका काम खत्म हो गया है और चुपचाप से वहां खड़ा हुआ है जैसे उस रोबोट की बैटरी डेड हो गई हो अब वह कुछ कर नहीं सकता।
वही वह लड़की अब तक पंचायत जहां बैठी हुई थी वहां पहुंच जाती है वह लड़की अपने घुटनों में हाथ रखकर थोड़ा झुककर हाफ रही थी वह बहुत ज्यादा थक गए थे वो सामने बैठे धर्मराज सिंघानिया को देखते हुए अपने हाथ जोड़कर बोलती है,, खम्मा घणी हुकुम सा।
धर्मराज जी भी उस लड़की को देखते हुए बोलते हैं,, खम्मा घणी, कौन हो तुम और यहां क्या कर रही हो?
वो लड़की एक नजर अश्विन जी को देखती हैं, अश्विन जी की तो आंखें उस लड़की को वहां देखकर हैरानी से फैल जाती है वह धर्मराज जी के सामने कुछ भी उस लड़की से बोल नहीं पा रहे थे।
वह लड़की धर्मराज जी को देखते हुए बोलती हैं,, हुकुम सा यहां जिस लड़की की जिंदगी का फैसला हो रहा है वह लड़की हम हैं और जिस लड़के का फैसला आपने सुना दिया वह हमारे भाई है हमारे भाई ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है हम उन्हें अच्छे से जानते हैं वह प्यार करते थे दीदी सा से, वो ऐसा नहीं कर सकते उनके साथ , वह अपनी जान दे देंगे लेकिन दीदी सा की इज्जत पर आंच नहीं आने देंगे और वह ऐसा घटिया काम खुद करें ऐसा हो नहीं सकता।
धर्मराज जी गुस्से में बोलते हैं,, लेकिन आपके भाई ने वह घटिया काम किया है और आपके भाई की करनी की सजा आपको मिलेगी जो हमारी बेटी के साथ हुआ है वह अब आपके साथ होगा आज इसी मंडप पर इसी जगह आपकी शादी हो गई हमारे बेटे मनन सिंघानिया से तैयार करले खुद को ।
खुशहाली धीरे से बोलती है,, माफ कीजिएगा हुकुम सा लेकिन हम आपका यह हुक्म नहीं मान सकते हम अपनी जिंदगी ऐसी बर्बाद नहीं कर सकते और आप कैसे हमारी जिंदगी का फैसला ले सकते हैं हमारी जिंदगी का फैसला लेने का सिर्फ हमारे मां बाप का हक है और किसी का भी नहीं हमारी जिंदगी के फैसले सिर्फ हमारे मां बाप लेंगे उनके अलावा कोई भी नहीं लेगा,।
आप यहां के हुकुम सा है इज्जत करते हैं हम आपकी लेकिन आप भगवान नहीं है जिनका कहां पत्थर की लकीर होगा हम आपका यह हुक्म नहीं मानेंगे नहीं करेंगे हम आपके बेटे से कोई शादी।
शादी तो बेटा आपको हमारे बेटे से करनी ही पड़ेगी एक ही उसूल है हमारा खून के बदले खून इज्जत के बदले इज्जत और मौत के बदले मौत और यहां बात इज्जत की है तो बात इज्जत की ही आएगी फिर वह अपनी घड़ी में टाइम देखते हो बोलते हैं,, शादी का मुहूर्त हो गया है चलो सब लोग।
खुशहाली चिल्लाते हुए बोलती है,, नहीं करेंगे हम शादी किसी से भी नहीं करेंगे न हीं आपके बेटे से ना ही किसी और से ये जिंदगी हमारी है और हमारी जिंदगी के फैसला हमारे घर वालों के अलावा कोई भी नहीं ले सकता।
अश्विन जी खुशहाली को शांत कराते हुए बोलते हैं,, खुशहाली बेटा शांत हो जाओ।
खुशहाली अश्विन जी को देखते हुए बोलते हैं,, बाबा आप मान सकते होंगे उनके फैसले हम नहीं मान सकते हम नहीं मानेंगे आपने पहले भी उनका फैसला माना था देखिए भाई गायब है नहीं आए वो घर वापिस पता नहीं कहां चले गए क्या गलती थी उनकी सिर्फ प्यार ही तो किया था ना इनकी बेटी से अब प्यार में बड़ा छोटा थोड़ी ना देखा जाता है,
लेकिन बड़े लोगों के लिए यह सब देखा जाता है इन्हें अपनी बेटी की खुशी नहीं दिखी सिर्फ यह दिखा कि हम लोग छोटे हैं आप सिर्फ एक गांव के सरपंच है और यह पूरे राजस्थान के हुकुम सा तो मर्जी तो इन्हीं की चलेगी आपने भी इनकी सुनी आपने इनकी बात मानी और अंजाम क्या हुआ भाई गायब हो गए पता नहीं कहां चले गए, दीदी सा उनकी इज्जत कोई लूट कर चला गया मार डाला उन्हें हमारे भाई के प्यार को मार डाला और अब आप चाहते हैं की हम ऐसे घर में शादी कर के चले जाए,
जहां पर हर वक्त हमें नीचे दिखाया जाएगा हर वक्त यह दिखाया जाएगा यह बताया जाएगा कि हमारे भाई की वजह से उनकी बेटी नहीं रही जो की झूठ है भाई ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है हम अपने भाई को अच्छे से जानते हैं, हम कभी भी नहीं करेंगे ये शादी।
धर्मराज जी खुशहाली से बोलते हैं,, हमने फैसला सुना दिया है और हमारा फैसला अटल है यहां खड़े हर एक इंसान को हमारा फैसला मानना होगा।
खुशहाली वहीं बैठकर रोते हुए उनके सामने हाथ जोड़ते हुए बोलती है,, हुकुम सा ऐसा मत करें हमारे भाई ने ऐसा कुछ नहीं किया और हम हम शादी नहीं कर सकते हुकुम सा आप ऐसा मत करें ।
अश्विन जी खुशहाली को देखते हुए बोलते हैं,, खुशहाली फैसला हो गया है तुम्हारी शादी अभी कुंवर sa के साथ होगी।
खुशहाली अपने बाबा को आंखें फाड़े देख रही थी वह उनके पास आकर उनके पैर पकड़ते हुए बोलती है,, बाबा ऐसा बात करें बाबा हम नहीं कर सकते अभी शादी हम भाई के आने तक तो बिल्कुल भी नहीं प्लीज बाबा ऐसा मत करें हमारी शादी का फैसला सिर्फ हमारे भाई ले सकते हैं और कोई नहीं प्लीज बाबा मत लीजिए ऐसा फैसला जिसमें आपको बाद में पछताना पड़े।
धर्मराज जी मनन को देखते हुए बोलते हैं,, जाइए कुंवर सा अपनी होने वाली बिंगड़ी को मंडप में लेकर जाइए।
मनन खुद से बोलता है,, आई एम सॉरी ट्यूलिप बस एक आखरी दर्द है ये इस दर्द के बाद आपकी जिंदगी में कभी कोई दर्द नहीं आएगा आई प्रॉमिस हम आपके भाई को भी जल्द ही ढूंढ लेंगे और अपनी बहन के असली गुनहगारों को भी हर एक को हम सजा देंगे और आपकी आंखों में इन आंसुओं के बाद कभी कोई भी आंसू आने नहीं देंगे आपकी जिंदगी में सिर्फ और सिर्फ खुशियां होगी आपको इस जन्म में हमसे शादी करके बिल्कुल भी पछतावा नहीं होगा आई एम सॉरी ट्यूलिप।
मनन खुशहाली के करीब अपने कदम बढ़ा रहा था, वहीं खुशहाली मनन को देखते हुए बोलती हैं,, कुंवर सा आप ऐसा मत करिए हमें हमें पता है आप हुकुम सा की वजह से हमसे शादी कर रहे हैं, आपको भी लगता होगा हमारे भाई ने ये सब किया है लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया है, हम सच बोल रहे हैं।
मनन फिर भी नहीं रुकता वो अपने कदम खुशहाली की तरफ बढ़ा रहा था, खुशहाली मनन से बोलती है,, कुंवर सा जिस रिश्ते में प्यार नहीं होता वह रिश्ता नहीं टिकता और हम हम आपसे प्यार नहीं करते आप हमसे प्यार नहीं करते हम आपको खुशी नहीं दे पाएंगे नहीं दे पाएंगे हम आपको कोई भी खुशी मत करिए हमसे शादी कुंवर सा ऐसा मत करिए।
लेकिन मनन कुछ भी नहीं बोलता बस झुक कर खुशहाली को अपनी बाहों में उठा लेता है खुशहाली खुद को छुड़ाने के लिए अपने हाथ पैर चल रही थी वह नहीं करना चाहती थी शादी वो अपने भाई को ढूंढना चाहते थे और उस पर लगे हर एक इल्जाम को गलत साबित करना चाहती थी, वो लगातार खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
मनन झुककर उसके कान में कुछ बोलता है जिसे सुनकर खुशहाली बिल्कुल शांत हो जाती है वह अब कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रही थी वो अब बिल्कुल भी नहीं हिल रही थी वो शांति से अब मनन की बाहों में थी मनन अंदर ही अंदर मुस्कुरा रहा था लेकिन चेहरे में उसके एक्सप्रेशन कोल्ड थे, वो बिना किसी एक्सप्रेशन के सीधे हवेली के अंदर चला जाता है।
क्या सच में खुशहाली के भाई ने लूटी है मनन की बहन की इज्जत? क्या हो जाएगी मनन और खुशहाली की शादी? क्या कहां है मनन ने खुशहाली से?
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