"Jo hamari beti ke sath hua wo tumhari beti ke sath hoga"
24 Feb, 2025
"राजस्थान"
"सिंघानिया हवेली"
ये हवेली पूरी दुल्हन की तरह सजाई गई थी, यह हवेली सफेद रंग की बनी हुई थी और इस हवेली को गोल्डन कलर की झालरों से पूरी दुल्हन की तरह सजाया गया था, वही इस हवेली के अंदर सफेद और लाल गुलाब पुरी हवेली में लगाए गए थे सीडीओ से लेकर हर एक रूम के बाहर रेलिंग में सब जगह सफेद और लाल रंग के गुलाब लगे हुए थे ,
वहीं कोने कोने में लगे फ्लावर वास में व्हाइट कलर के टयूलिप लगे हुए थे , वह हवेली दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी देखने में ऐसा लग रहा था जैसे उस हवेली में किसी की शादी हो रही हो, किसी की शादी की शहनाइयां बज रही हो, लेकिन उनकी यह खुशी का माहौल कब मातम में बदल गया वहां मौजूद किसी को भी पता नहीं चला, अचानक उनकी लाइफ बिल्कुल बदल गई।
वहीं हवेली के पीछे बहुत सारे लोग बैठे हुए थे, वहां बहुत सारे आदमी बैठे थे वहीं वहां पर एक बहुत बड़ी सी किंग साइज चेयर रखी हुई थी जिसमें एक आदमी जो दिखने में 50-55 साल के लग रहे थे बिल्कुल ठाठ बात के साथ बैठे हुए थे, उनके चेहरे पर गुरूर घमंड साफ झलक रहा था , वो अपने एक पैर पर दूसरा पैर रखे अपने एक हाथ में तलवार लिए अपने दूसरे हाथ को अपने पैर के ऊपर रखें सामने देख रहे थे,
उनके चेहरे से ही उनका गुरुर बेहिसाब झलक रहा था, वही उनके अगल-बगल दो लड़के जो दिखने में काफी हैंडसम थे लेकिन एक उसमें कम हैंडसम था, एक इतना ज्यादा हैंडसम था, की उसको एक बार लड़की देख ले तो बस देखते ही रह जाए, उसकी चार्म पर लड़कियां मर मिटने को तैयार हो जाए।
वही उनके सामने एक आदमी अपना सर झुकाए बैठे हुए थे, उनका सर शर्म से झुका हुआ था, उनके पास शब्द नहीं थे बोलने को, कुर्सी में बैठे आदमी धर्मराज सिंघानिया सामने बैठे आदमी को देखते हुए बोलते हैं ,,तो अब क्या बोलना चाहोगे अश्विन, हमने बोला था ना अपने बेटे को हमारी बेटी से दूर रखना, लेकिन तुम्हारे बेटे ने क्या किया,
तुम्हारे बेटे ने यहां हमारी हवेली में आकर हमारी बेटी की शादी वाले दिन हमारी बेटी के साथ जबरदस्ती करके उसकी इज्जत सरे आम उछाल दी, और उसको मार भी डाला, इतनी बड़ी गलती की है तुम्हारे बेटे ने, हमने तुम्हारे कहने पर तुम्हारे बेटे को जिंदा छोड़ दिया था, हमने गलती कर दी तुम्हारे बेटे को जिंदा छोड़कर,
उसको तो उसी दिन मार डालना चाहिए था, जब वो उस दिन खेत में हमारी बेटी के साथ मिला था, उस दिन ही उसका किस्सा खत्म कर देते तो आज यह दिन ना देखना पड़ता, ना तुम्हें ना हमें ,अपने बेटे की वजह से तुम्हारी इज्जत कुछ भी नहीं रह गई, गांव के सरपंच हो तुम लेकिन तुम्हारे बेटे ने तुम्हारी इज्जत कहीं की नहीं छोड़ी , उसके कारनामों की वजह से, तुम्हें अपनी सरपंची भी छोड़नी पड़ सकती है।
वहीं आसपास बहुत सारे लोग बैठे हुए थे, वो आपस मे कुछ खुसर फुसर कर रहे थे, वहां के माहौल को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वहां पर पंचायत बैठाई गई हो, धर्मराज जी वहां बैठे बाकी सारे लोगों को देखते हुए बोलते हैं,, पंचायत बैठी है ना यहां पर तो इस पंचायत में आज हम एक फैसला सुनाते हैं , जो चीज हमारी बेटी के साथ हुई है , वही चीज अश्विन अब तुम्हारी बेटी के साथ होगी , हमारी बेटी की इज्जत सरे आम तुम्हारे बेटे ने उछाल दी,
अब जो हमारी बेटी के साथ हुआ है वह तुम्हारी अपनी बेटी के साथ होगा, तुम्हारी बेटी की भी इज्जत सरे आम उछली जाएगी, लेकिन हम तुम्हारे बेटे की तरह इतने गिरे हुए नहीं है कि एक लड़की की इज्जत उछाल दे , हम तो इज्जत से उसे अपने घर की बहू बन कर लेकर आएंगे, फिर हमारे बेटे की मर्जी है वह उसके साथ क्या करना चाहता है, क्या नहीं? उसे अपने साथ रखना चाहता है या फिर उसे छोड़ देना चाहता है।
अश्विन जी जो अपना सर नीचे झुकाए बैठे थे, वह धर्मराज जी की बात सुनकर बोलते हैं,, सरकार मेरी बेटी अभी छोटी है ,वह महज 18 साल की है, मुझे पता है मेरे बेटे ने गलती की है लेकिन उस गलती की सजा मेरी बेटी को क्यों दी जा रही है, मेरी बेटी की तो इसमें कोई गलती नहीं है ना , सरकार मेरी बेटी को बख्श दे, उसके साथ ऐसा जुल्म ना करें,वह रोते हुए गिड़गिड़ाते हुए अपने हाथ जोड़कर उनके सामने बोल रहे थे।
लेकिन धर्मराज जी तो ऐसे बैठे हुए थे, जैसे उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा हो, उनके मुंह से निकली हुई हर एक बात पत्थर की लकीर थी, यह बात वहां बैठा हर एक इंसान जानता था, वह अपनी कही हुई बात से पीछे नहीं हटते थे, वो जो एक बार बोल देते थे, सबको वह मानना ही पड़ता था, चाहे वह उनके अपने हो या फिर गांव के लोग सबको उनकी कही हुई बात माननी पड़ती थी, कोई भी उनकी बात को टाल नहीं सकता था ।
अश्विन जी रोते हुए बोलते हैं,, सरकार मेरी बेटी को बख्श दे, उसने कुछ भी नहीं किया है, उसे कुछ भी नहीं पता है कृपया करके मेरी बेटी को बख्श दें सरकार, उसे इन सब में नहीं घसीटे सरकार।
धर्मराज जी गुस्से में दहाड़ते हैं,, हमारी बेटी की भी कोई गलती नहीं थी, उसकी क्या गलती थी ,तुम्हारे बेटे की सारी गलती थी उसने हमारे बेटी को सबसे पहले वर्ग लाया, हम सब के खिलाफ भड़काया, हम सबसे लड़वाया और फिर उसके बाद जब हमारी बेटी शादी करने के लिए मान गई तो तुम्हारे बेटे से बर्दाश्त नहीं हुआ, तुम्हारा बेटा पूरे राजस्थान में हुकूमत करना चाहता था, हमारी बेटी के जरिए, राजस्थान का हुकुम।सा बनना चाहता था,
और जब हमारी बेटी ने उससे शादी करने से मना कर दिया तो, तुम्हारे बेटे ने क्या किया, इतनी नीच हरकत की हमारी बेटी के साथ, उसके साथ जबरदस्ती करके उसको मार डाला और फिर फरार हो गया यहां से।
हमारे कही हुई बात यहां बैठे हर एक इंसान के लिए पत्थर की लकीर है और तुम्हें भी हमारे कही हुई बात माननी पड़ेगी, आज ही हमारे बेटे मनन की शादी तुम्हारी बेटी के साथ होगी।
मनन जो अपना सर नीचे झुकाए वहां पंचायत के सारे फैसले सुन रहा था, एकदम से अपना चेहरा ऊपर उठाकर धर्मराज सिंघानिया को देखता है जिनके चेहरे पर अभी भी गुरुर झलक रहा था, जैसे उन्हें इतने बड़ा फैसला सुनाने का कोई भी पछतावा ना हो।
मनन धीरे से खुद से बोलता है,, आई एम सॉरी ट्यूलिप, हमने जो भी तुम्हारे साथ अपनी पिछली जिंदगी में क्या है इस बार वैसा कुछ भी नहीं करेंगे, ना ही तुम्हें कोई भी तकलीफ देंगे, जितना अत्याचार यहां मौजूद हर एक इंसान ने तुम्हारे ऊपर किया है हर एक के अत्याचार से हम तुम्हें बचाएंगे, तुम्हें किसी का अत्याचार नहीं सहने देंगे।
हम तुम्हें बचा लेंगे, वो तिरछी नजरों से चैतन्य को देखता है,, जो तिरछा मुस्कुरा रहा था, सारा किया धरा तो उसका था ना ,सब कुछ उसने किया था लेकिन मनन को यह नहीं पता था कि चैतन्य का वो कौन सा दोस्त है जिसने उसकी बहन के साथ यह सब किया है,l।
मनन के हाथों की मुट्ठियां कस जाती हैं, उसकी नसें उभरने लगती हैं, चैतन्य को देखकर वह खुद से ही बोलता है,, वादा है मेरा चैतन्य तुमसे सबसे पहले तुम्हारे उसे दोस्त को ढूंढ कर मौत की नींद सुलाऊंगा जिसने हमारी बहन के साथ यह करने की कोशिश करी है उसके बाद तुम्हारा नंबर आएगा।
"वहीं दूसरी तरफ"
"अंबाबाड़ी गांव"
एक लड़की गांव के बीचों बीच बास से बनी लकड़ी के टीले पर सीडीओ से चढ़ रही थी, वह उसे टीले पर ऊपर चढ़कर बैठ जाती है उसने ब्लैक कलर का लहंगा चोली पहना हुआ था और ऊपर से रेड कलर की चुनरी डाली हुई थी, जिसमें जयपुरी कढ़ाई थी, उसने अपने बालों को खुला ही छोड़ रखा था, उसके काले घने घुंघराले बाल हवा में हल्के हल्के लहरा रहे थे , हवा ज्यादा तेज नहीं थी, हल्की हल्की चल रही थी, एक हवा का तेज झोंका आता। है, और इसके बालों को।अपने साथ उड़ा के ले जाने लगता है।
उसने अपने माथे में एक काली सी छोटी सी बिंदी लगाई हुई थी , उसकी घनी घनी बड़ी-बड़ी पलके एम्बर आइस पतले गुलाबी होंठ दिखने में वह बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, उसने अपने हाथों पर ब्लैक रंग की चूड़ियां पहनी हुई थी जो बार-बार छन छन की आवाज कर रही थी, उसने अपने पैरों पर पायलें पहनी हुई थीं, वह बार-बार अपने दोनो पैरों को हिला रही थी और उस शांत जगह पर उसकी पायलों का शोर गूंज रहा था।
वह अपने आगे आए हुए बालों को अपने हाथों से पीछे करते हुए अपने पैरों को बार-बार एक दूसरे से मिलते हुए बोलती है,, यह भाई कब आएंगे, इतनी देर के गए हुए हैं अभी तक नहीं आए हैं, हम कब से अपने गन्नों का इंतजार कर रहे हैं, नीचे खड़े-खड़े तो हमारे पैर ही टूट गए, ऊपर से ही देखते हैं कब आएंगे वह यहां पर, बोलते हुए वह अब अपने नाखून चबा रही थी ।
उसे एक अजीब सा डर लग रहा था, वह खुद से ही बोलती है,, यह हमें अचानक ये अजीब सी बेचैनी, अजीब सी घबराहट क्यों हो रही है यह क्या हो रहा है हमारे साथ?इतनी अजीब सी बेचैनी कुछ कुछ गलत तो नहीं होने वाला, वह खुद से ही बोलती है, फिर खुद को शांत करते हुए बोलती है,, नहीं नहीं कुछ गलत क्यों होगा हमारे साथ ?हमने कभी किसी के साथ कुछ गलत नहीं किया है, तो फिर हमारे साथ क्यों कुछ गलत होगा, हमने तो हमेशा सबकी मदद की है ना हमारे हमारे घर वालों ने सब ने तो फिर हमारे साथ गलत कैसे हो सकता है ,नहीं नहीं हम कुछ ज्यादा ही सोच रहे हैं बोलते हुए वो लगातार अपने नाखूनों को चबाए जा रही थी।
ये भाई क्यों नहीं आ रहे हैं, अब वह अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में उलझा कर लगातार मसल रही थी, तभी वहां पर एक छोटा सा लड़का जो दिखने में करीब 10 साल का था उसने अपने घुटनों तक आते शॉर्ट्स पहने हुए थे और ऊपर चेक दर शर्ट पहनी हुई थी वह वहां आकर अपने पैरों में हाथ रखकर हाफ्ते हुए बोलता है ,, खुशहाली दीदी खुशहाली दीदी गजब हो गया।
वह लड़की जिसका नाम खुशहाली था, वह जल्दी से सीडीओ से उतारते हुए नीचे आती है और उस लड़के को देखते हुए बोलती है ,,क्या हुआ है राजू? उसके चेहरे पर अपने आप डर और घबराहट ने पनाह ले ली थी ।
राजू उसे कुछ बताता है, जिसे सुनकर खुशहाली की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है, उसकी आंखों से आंसू बहने लगते हैं, वह अपने बहते हुए अपने आंसुओं को साफ करते हुए वहां से भाग कर जाते हुए बोलती है ,,नहीं नहीं यह नहीं हो सकता, ऐसा नहीं हो सकता, वह ऐसा कर ही नहीं सकते, उन्हें उन्हें कुछ गलतफहमी हुई है, हम हम उन्हें जाकर बताएंगे वह ऐसा कर ही नहीं सकते ,नहीं ऐसा नहीं हो सकता, वह लगातार बोलते हुए वहां से भाग रही थी।
किसको बोल रही है खुशहाली वो कुछ नहीं कर सकता? किसको किस चीज की गलतफहमी हुई है? क्या बताया उस लड़के ने खुशहाली को?
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