01

"Dard se ajaadi"

एक 30 साल का आदमी एक बड़ी सी हवेली के हाल में खून से लटपट पड़ा हुआ था, उसकी बॉडी में जगह-जगह कट के निशान थे , उसकी बॉडी में जगह-जगह से खून निकल रहा था और वही नीचे फर्श पर गिर रहा था, उस आदमी की हालत बहुत खराब थी , उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह सिर्फ जिंदगी की आखिरी सांस ले रहा है, जो भी वह बड़ी मुश्किल से ले पा रहा है, उसके हाथों पर पैरों पर यहां तक की उसके चेहरे पर भी कट के स्किन निशान लगे थे , 

कुछ जगह से खून रसना बंद हो गया था तो कुछ जगह से खून अभी भी निकल रहा था, उसके बाजू पर इतनी ज्यादा कट के निशान थे, देखकर ऐसे लग रहा था जैसे किसी ने बड़े ही बेदर्दी से उसे मार हो , वह खून से सने हुए फर्श पर लेटा हुआ था , उसके आस पास सिर्फ और सिर्फ खून पड़ा हुआ था,  

उसकी सांस उखड़ने को तैयार थी और वो अपनी आखिरी सांस से ले रहा था, वह अपने सामने खड़े तीन लोगों को नफरत से देख रहा था, जो नफरत से उसे ही देख रहे थे और नफरत भरी हंसी हंस रहे थे, दोनों ही तरफ नफरत की आग जल रही थी, एक तरफ वो नफरत की आग उसकी सांसों के साथ बुझने वाली थी, तो दूसरी तरफ ये नफरत की आग शायद उन लोगों की आखरी सांस तक जलने वाली थी। 

उस आदमी के सामने उस आदमी की चाची रिद्धिमा, उसके चाची का बेटा चैतन्य, जिसे उसने अपना अच्छा दोस्त समझा था, और उसकी सौतेली बहन माया खड़ी थी , जिसे उसने अपने सगी बहन से भी ज्यादा माना था, लेकिन उसने ही उसकी पीठ पर छुरा घोप दिया, उसे सबसे बड़ा शेख दे दिया, लोग कहते है सत्ता के लिए अपने ही अपनों के दुश्मन बन जाते हैं, यहां भी ऐसा ही हो रहा था, इस आदमी के अपने ही इसके दुश्मन बन गए थे।

वह आदमी उन तीनों को देखते हुए सिर्फ दो ही शब्द बोलता है, ,क्यों किया? इससे ज्यादा बोलने की उसके शरीर में हिम्मत ही नहीं थी, उसकी आवाज भी बड़ी मुश्किल से निकली थी।

 रिद्धिमा जी मुस्कुराते हुए बोलती हैं ,, ओ मेरे प्यारे भतीजे, जानना चाहता हो मैंने यह सब क्यों किया? तो सुनो मैंने यह सब सिर्फ और सिर्फ अपने बेटे के लिए किया है , इस सल्तनत का वारिस मेरा बेटा है, ना कि तुम, तुम तो सालों से इन सब से दूर थे और आते ही तुमने यहां कब्जा कर लिया, बचपन से मेरा बेटा यहां था, इस सब पर उसका हक था, उसने हर चीज में तेरे बाप का साथ दिया , लेकिन तेरे बाप ने किया किया, तेरे आते ही मेरे बेटे को चाय में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया ,

इन सब चीजों पर, सारी सल्तनत पर हुकूमत करने का हक सिर्फ और सिर्फ मेरे बेटे का है ,और वह हक तो मैं उसे देकर ही रहूंगी।

 आप लोगों ने यह बहुत गलत किया, धोखे से आप लोगों ने मुझे मारा है, धोखा दिया है ,आप लोगों ने मुझे…… मनन पूरी हिम्मत करके बोलता है।

 रिद्धिमा जी जोर-जोर से हंसने लगती हैं, फिर एकदम से शांत होते हुए तेज आवाज में बोलती है,, धोखा और हमने दिया है, धोखा तो तुमने दिया है अपनी बीवी को , बेचारी की तो इसमें कोई गलती ही नहीं थी ,जिसकी सजा उसे मिली। 

 मनन कंफ्यूजन में उसे देखने लगता है,, रिद्धिमा जी उसे ऐसे कंफ्यूजन में देखते हुए बोलती हैं ,, ओ मेरा प्यारा भतीजा तो मरने वाला है ना, तो उसे मैं ऐसे कंफ्यूजन में थोड़ी ना मरने दे सकती हूं , कि बेचारा फिर भूत बंद करके घूमे, की ऐसा क्या करा तुमने, तुम्हारी बीवी इनोसेंट क्यों थी, ब्ला… ब्ला… ब्ला… अब मारते हुए से तो सच बोलना चाहिए ना, मरने वाले की आखिरी ख्वाहिश तो पूरी करनी चाहिए, अब तुम मरने वाले हो तो मैं तुम्हारी आखिरी ख्वाहिश पूरी कर देती हूं,

 तुम्हारी बहन के साथ जबरदस्ती, उसका रेप, उसका मर्डर, तुम्हारी बीवी के भाई ने नहीं किया था।

 मनन ये सुनकर शॉक्ड हो जाता है, क्या यह सब आरव ने नहीं करा था, यही उसके दिमाग में चल रहा था , लेकिन सब ने तो उसे यही बताया था कि यह सब आरव ने किया है, आरव ने ही उसकी बहन के साथ जबरदस्ती करके उसे मार डाला ,इसका मतलब उसे सब कुछ झूठ बताया गया था, माया ने उसे जो भी बताया सब झूठ था, वह अपनी बहन की शादी के लिए जर्मनी से इंडिया वापस आया था और यहां आते ही उसे पता चलता है कि उसकी बहन के साथ जबरदस्ती हुई है , उसका रेप हुआ है और उसे मार डाला गया है,

 लेकिन यहां तो ऐसा कुछ भी नहीं था, माया ने उसे हर एक चीज झूठ बताई थी ,सब झूठ बोला था, मेरी बहन के साथ जो कुछ भी हुआ, वह बोलते बोलते रुक जाता हैं।

 रिद्धिमा जी आगे बोलती है,, तुम्हारी बहन के साथ जो कुछ भी हुआ, वह तो मेरे बेटे चैतन्य के दोस्त ने किया था, उसे तुम्हारी बहन की अट्रैक्टिव बॉडी जो पसंद आ गई थी, अब उसने कर तो दिया था, मार भी दिया था तुम्हारी बहन को, उसने तो उससे मजे किए थे, अब उसे तो सजा नहीं दे सकते थे ना, तो किसी ने किसी को तो फसाना ही पड़ता, और तुम्हारी बीवी का भाई वह तो तुम्हारी बहन के प्यार में दीवाना था पागल था और सब इस बात पर यकीन कर लेते कि तुम्हारी बहन की शादी हो रही थी और तुम्हारी बीवी के भाई से यह सब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने गुस्से में आकर यह कदम उठा लिया और वहां से फरार हो गया,

और फाइनली तुम्हें आज वह मिल गया पूरे 2 साल बाद और तुमने उसका किस्सा खत्म कर दिया, तुमने तो अपने इन हाथों से दो-दो मासूमों की जान ले ली, तुमने अपने साले को अपनी बीवी के भाई को मार डाला और अपनी बीवी को भी अपने इन हाथों से मार डाला ,वह भी धोखे से ,शर्म तो तुम्हें करनी चाहिए, तुमने दूसरों की बातों में आकर अपनी बीवी को इतना ज्यादा टॉर्चर करा, पूरे 2 साल, 2 साल में ऐसा एक दिन भी नहीं गया, जब तुमने अपनी बीवी को टॉर्चर ना किया हो ,

जलील ना किया हो, कभी तुमने उसे पूरी हवेली वालो के सामने जलील किया ,तो कभी पूरे गांव वालों के सामने जलील किया और हमारे सामने बिल्कुल पाक साफ बन रहे हो , जैसे तुमने कुछ किया ही नहीं है, इतनी बेरहमी से अपनी बीवी को कत्ल कर डाला मार डाला तुमने उसे। 

 मनन अपनी गर्दन टेढ़ी करके देखता है , जहां उससे थोड़ी दूर पर एक लड़की जो दिखने में करीब 20 साल की लग रही थी , और बेहद खूबसूरत थी, वह फर्श में बेसुध पड़ी हुई थी, उसकी आंखें बंद थी, आंखों के कोनों से आंसू की बूंदे अभी भी निकल रही थी और फर्श पर गिर रही थी ,उसके पेट से खून निकल रहा था, उसे देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उस लड़की के पेट में चाकू मारा हो, वही उस लड़की से काफी दूर एक लड़का अधमरी हालत में पड़ा हुआ था, जो अपनी हल्की आंखें खोले उन सबको देख रहा था, और उनकी बातें सुन रहा था।

 उस लड़के की नजर उस 20 साल की लड़की पर ही ठहरी हुई थी , जिसे देखकर उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे , वह कुछ बोल नहीं पा रहा था, उसके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही थी, बस उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे ,उसकी सांस उखड़ रही थी और कुछ ही सेकंड्स के अंदर उसकी सांस उखड़ जाती हैं और वह अपने खुली आंखों से ही अपना दम तोड़ देता है।

मनन उन दोनों को देखकर 1 घंटे पहले का सोचने लगता है।

" फ्लैशबैक स्टार्ट"

" 1 घंटे पहले"

 मनन गुस्से में हवेली के मेन हाल पर खड़ा हुआ था , वही उसके पीछे वह लड़की उसकी बीवी खुशहाली खड़ी थी, वह अपना सर नीचे झुकाए, अपने हाथों को आगे करें, अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में उलझाएं, अपने हाथों को लगातार मसल रही थी,

 वही मनन उसकी तरफ अभी भी अपने पीठ करे हुए खड़ा था खुशहाली कुछ भी नहीं बोल रही थी, वह बस अपने हाथों को मसल रही थी , तभी वहां पर दो आदमी , जो दिखने में बॉडीगार्ड लग रहे थे, वह किसी लड़के को तंगते हुए वहां ले आते हैं, वह लोग उस लड़के को मनन के पैरों के पास ला कर पटक देते हैं, वह लड़का अपने घुटनों के बल मनन के पैरों में जा गिरता है।

 मनन जो अभी तक पीठ करके खड़ा था ,वह अब मुड़ता है और उस लड़के के हाथ में अपने जूते को रखकर उसके हाथ को रगड़ने लगता है, 

खुशहाली जब उस लड़के को देखती हैं तो उसकी आंखें हैरानी से फैल जाती हैं ,वह धीरे से बोलती है,, भाई, उस लड़के की चीख निकल रही थी , क्योंकि मनन बहुत ही जोर से उसके हाथ को अपने जूते के नीचे रगड़ रहा था, वह थोड़ा झुक कर उसके बालों को अपने मुट्ठी में भरकर, उसका चेहरा ऊपर करते हुए गुस्से में, अपने दांत पीसते हुए बोलता है ,,फाइनली आज तू मिल ही गया ,आ गया मेरे हाथ, 2 साल से बहुत लुका छुपी खेल रहा था मेरे साथ,

कितना लुका छुपी खेलेगा, कितना भागेगा, 2 साल से यहां वहां दर-दर भटक रहा है, एक बार में मेरे हाथ से मौत ले ले और सीधा मुक्ति लेले , बहुत शौक है तुझे दूसरों की इज्जत के साथ खेलने का, दूसरों के घर की इज्जत को नीलाम करने का और उनकी इज्जत नीलाम करने के बाद उन्हें मार डालने का,

 सोच अगर यही सब तेरी बहन के साथ हो, वो भी तेरी आंखों के सामने, तुझे कैसे लगेगा।

 आरव गुस्से में मनन को घूरते हुए चिल्लाता है,, मनन सिंघानिया अपनी जुबान को लगाम दो, मेरी बहन के साथ ऐसा कुछ करने की कोशिश भी मत करना समझे और यह क्या झूठा इल्जाम तुम लोग मेरे ऊपर लगा रहे, 2 साल पहले तुम लोगों ने मेरी बहन की, मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी सुकून नहीं मिला तुम लोगों को, जो अब झूठे इल्जाम भी मेरे ऊपर लगा रहे हो, प्यार करता था मैं तुम्हारी बहन से, यह बात सच है ,

लेकिन मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ भी नहीं किया, मेरा प्यार 2 कौड़ी का नहीं था, की प्यार ना मिलने पर में उसकी इज्जत उछल दूं, धोखा दिया था तुम्हारी बहन ने मुझे, प्यार मुझसे किया और शादी किसी और से कर रही थी, लेकिन मैं तुम्हारी बहन के साथ कुछ भी नहीं किया है समझे तुम।

 मनन अपनी आइब्रो को अपने अंगूठे से रब करते हुए बोलता है ,,कितना बोलते हो तुम , चे चे करके मेरे कानों में दर्द कर दिया है, मुझे ज्यादा बोलने वाले लोग पसंद नहीं, इतना बोलकर वह अपनी पॉकेट से एक चाकू निकलता है और एक झटके में आरव की जबान काट देता है ।

आरव के मुंह से खून निकलने लगता है, खुशहाली की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है , उसकी एक जोरदार चीख निकल जाति है , वो भाग कर आरव के पास आने लगती है,

 मनन अपने तेज आवाज में गुस्से में बोलता है,, तुम्हारा एक कदम भी आगे नहीं बढ़ना चाहिए ,अगर एक कदम भी आगे बढ़ा तो… बोलते बोलते वो रुक जाता है।

फिर आगे बोलता है,, अभी तो सिर्फ जबान कटी है, एक कदम भी आगे बढ़ाया तो पूरी बॉडी के टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा।

 खुशहाली बहुत ज्यादा डर जाती है , उसकी बॉडी डर से कांपने लगी थी, उसके पैर वहीं जम जाते है।

मनन आरव की चारों तरफ चक्कर लगाते हुए बोलता है,, अब तो तुम्हारी जुबान कट गई ,तुम तो किसी काम के नहीं नहीं रहे, जिंदा रहकर भी क्या करोगे, इन बोलकर वह सीधे अपनी बैक से गन निकल कर उसके पैर में और हाथ में शूट कर देता है और एक गोली उसके पेट पर भी मार देता है।

 खुशहाली जल्दी से आगे बढ़कर मानव के पैर पकड़ते हुए धीरे से बोलती है,, प्लीज प्लीज मेरे भाई को छोड़ दीजिए, प्लीज उनको कुछ मत करिए, वह बेकसूर है ,उन्होंने कुछ भी नहीं किया है, वो जो बोल रहे वो सच होगा ना, उन्होंने दीदी के साथ कुछ नहीं कर होगा , प्लीज प्लीज उन्हें छोड़ दीजिए, प्लीज छोड़ दीजिए , वो लगातार रोते हुए उससे रिक्वेस्ट करते हुए बोल रही थी।

 लेकिन मनन कुछ नहीं सुनता बल्कि खुशहाली को ही उसके बालों से पकड़ कर खड़ा कर देता हैं और उस की आंखों में आंखें डालकर उसे देखते हुए बोलता है,, ट्यूलिप तुमने भी बहुत दर्द सहा है ना, अब तुम्हें भी इस दर्द से आजादी मिल जानी चाहिए, जब से तुम्हारी शादी मुझसे हुई है, तब से तुमने हर एक दर्द शादी की पहली रात से सह है ,तो इस दर्द से तुम्हें भी आजादी मिलनी बनती है ना,

 इतना बोलकर वो अपने हाथों में लिए हुए चाकू को सीधे खुशहाली के पेट में मार देता है , खुशहाली की आंखों में मौत के नाम से एक भी डर नहीं था, जो मनन को ट्रिगर कर रहा था, मनन उसके बालों को पकड़ कर उसके चेहरे को अपने चेहरे के बिल्कुल करीब लाकर अपने डरावनी आवाज में बोलता है,, यहां मैं तुम्हें मारने को बोल रहा हूं ,मरने वाली हो तुम और तुम्हारी आंखों में एक भी डर नहीं है ।

खुशहाली हल्का हंसकर बोलती है,, डर उन्हें लगता है जिन्हें जीने की तमन्ना होती है ,मैं तो उसी दिन मर गई थी ,जिस दिन मेरी शादी आप जैसे जल्लाद के साथ हुई थी ,मैं जिंदगी जी नहीं रही थी, सिर्फ काट रही थी और फाइनली अब मैं इस दर्द भरी जिंदगी से आजाद हो रही हूं, जिंदगी काट रही थी, उस जिंदगी से आजाद हो रही हूं।

दुआ करती हूं अगले जन्म में मेरा कभी भी आपसे सामना ना हो, कभी भी आप मेरी जिंदगी में ना आए, कभी मैं आपकी पत्नी ना बनूं ।

मनन गुस्से में उसे वही नीचे पटक देता है, वो सीधा वही फर्श पर सर के बल गिर जाती है, उसके सर में भी हल्की चोट लग जाती है, खुशहाली के होठों पर मुस्कुराहट थी , जैसे वह उसे चिढ़ा रही हो।

" फ्लैशबैक एंड"

मनन की आंखों से आंसू के कतरे बहने लगते हैं, मनन सिंघानिया एक ऐसा शक्श था, जो कभी किसी के सामने किसी के लिए नहीं रोता था, हमेशा खुद को स्ट्रांग दिखाता था, लेकिन आज वह रो रहा था, अपनी बीवी के लिए रो रहा था, वह धीरे से बोलता है ,, सॉरी ट्यूलिप, वह सिर्फ इतना ही बोलता है।

 रिद्धिमा जी, चैतन्य और माया उसे ऐसे रोता देखकर शॉक्ड हो जाते हैं, फिर हंसते हुए बोलते हैं,, ओहो मनन सिंघानिया रो रहा है ,वह भी उसे लड़की के लिए जिसे उसने खुद अपने हाथों से मारा, उसे मौत की नींद सुलाया, अब वह उसके लिए रो रहा है, अब तुम्हें सच पता चल गया है अब मरने की बारी तुम्हारी है।

 मनन खुद से बोलता है ,, तुम लोगों की वजह से मैंने अपनी बीवी को मार डाला, अपनी ट्यूलिप को मार डाला ,उसके भाई को एक बेगुनाह इंसान को मार डाला, मैं मरूंगा लेकिन तुम लोगों के हाथों तो बिल्कुल भी नहीं मारूंगा, वह अपने इंडेक्स फिंगर में पहनी हुई अंगूठी को खोलता हैं और उसमें से एक पुड़िया निकाल कर जल्दी से खा लेता है,

 यह सब उसने इतनी जल्दी करा था कि उन लोगों को समझने का मौका ही नहीं मिला, अचानक मनन के होठों से झार निकलने लगती है, वह लोग समझ जाते हैं कि मनन में जहर खाया है।

 वह लोग जोर जोर से हंसने लगते हैं और बोलते हैं इन सब लोगों का फाइनली गेम खत्म हो गया, अब यह हवेली हमारी है , इसमें हम लोग राज करेंगे , चैतन्य आगे बढ़कर मनन के हाथों में ब्लू इंक लगाकर एक कागज में उसका अंगूठा लगा लेता है।

 क्या ये इस कहानी का अंत है या है आरंभ? 

Importan updates ke liye mere channel ko follow karle, 🥰🥰

Write a comment ...

Magical Girl ✨

Show your support

I'm a writer and a student. If u like my work then support me .

Write a comment ...