Hukum-e-mohabbat
क्या हो जब मोहब्बत का एहसास आपको तब हो जब आप मौत के मुंह में पहुंच जाए? जिस मोहब्बत को आप हमेशा कैद समझते थे, जो मोहब्बत आपको हमेशा बंदिशें लगती थी, वहीं मोहब्बत आपको सुकून देने लगे, लेकिन आपकी जिंदगी के आखरी पलों में, ऐसी ही कहानी में "मनन सिंघानिया" की, जो 28 साल का बहुत ही जालिम आदमी है, जिसे दुनिया "Devilish King" के नाम से जानती है, जिसके एक इशारे पर लाशों के ढेर बीच जाते हैं, जिसे नफरत है मोहब्बत से, क्योंकि मोहब्बत इसके लिए कैद है, मोहब्बत इसके लिए बंदिशें है, ये 20 साल बाद वापस लौट कर आया है इंडिया, और इसके इंडिया आते ही इसकी शादी हो जाति है,खुशहाली राजावत से, ये बंध जाते है शादी के बंधन में, वहीं " खुशहाली रजावत" जिसका नाम तो खुशहाली है लेकिन उसकी जिंदगी में कोई खुशहाली नहीं है, उसका मानना है नाम खुशहाली होने से जरूरी नहीं हमेशा जिंदगी में खुशी ही हो, गम भी जिंदगी में बहुत होते हैं, जिसे उसने अपना सब कुछ माना, जिसे सबसे ज्यादा चाहा, उसके जाते ही उसकी जिंदगी मिनटों में तबाह हो गई, उसके गुनाहों की सजा उसे मिली, एक ऐसी सजा जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था, उन गुनाहों की सजा उसके लिए जिंदगी भर की कैद बन गई, आखिर ऐसा क्या हुआ जो मनन के इंडिया आते है उसकी शादी खुशहाली के साथ करवा दी गई? किसके गुनाहों की सजा मिल रही है खुशहाली को? क्या खुशहाली कभी इस कैद से आजाद हो पाएगी या जिंदगी भर इस कैद में फस के रह जाएगी? जानने के लिए पढ़िए"Hukum-e-mohabbat"